दिल्ली विधानसभा चुनाव में लगभग पिछली बार जितनी ही धमाकेदार जीत दर्ज करने के बाद आम आदमी पार्टी अब दूसरे राज्यों का रुख भी करेगी। यही वजह है कि पार्टी अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल द्वारा पिछली बार की तरह इस बार भी अपने लिए कोई मंत्रालय नहीं लेने की संभावना है। उनकी सबसे अधिक प्राथमिकता आप को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने की होगी।
आम आदमी पार्टी ने पिछली बार गोवा और पंजाब के विधानसभा चुनाव लड़े थे। एक समय पंजाब में अच्छी स्थिति में आने के बावजूद उसे वहां 24 प्रतिशत वोट पाकर वहां की 117 में से महज 20 सीटें जीत पाई। लेकिन 24 प्रतिशत वोट पाकर वह 15 सीटों वाले अकाली दल और भाजपा के गठबंधन को तीसरे स्थान पर धकेलने में कामयाब रही। इसी तरह गोवा में भले ही आपको 6.3 प्रतिशत वोट मिले लेकिन वह एक भी सीट जीतने में नाकामयाब रही।